Shabri Organic

पर्यावरण के प्रति सुरक्षा
पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति उत्तर दायित्व का निर्वहन आज मानव जाति का सबसे बड़ा कर्तव्य है। एक किसान इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखता है ।शबरी पर हमारा यही प्रयास रहता है कि हम ऑर्गेनिक खेती के द्वारा ना केवल हमारी टॉप सॉइल की गुणवत्ता को बरकरार रखें बल्कि साथ ही जीरोवेस्ट  सिस्टम को अपनाते हुए पूर्ण रूप से स्वावलंबी फार्मिंग को प्रोत्साहित करें। हमारे किसी भी सिस्टम में हम ऐसी किसी तकनीक का प्रयोग नहीं करते जिससे वातावरण में प्रदूषण फैले।
शबरी को प्लास्टिक मुक्त परिसर बनाने के लिए हम वचनबद्ध हैं। फार्म और उसके आसपास के क्षेत्र में वृक्षारोपण कर पर्यावरण की रक्षा में हम अपना योगदान देते हैं, साथ ही प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत जैसे सौर ऊर्जा और गोबर गैस का अधिकतम प्रयोग करते हैं ताकि वन संपदा को बचाया जा सके।

पेस्टिसाइड मुक्त कृषि
शबरी कृषि फार्म के समस्त उत्पाद पेस्टिसाइड मुक्त है। इस संपूर्ण क्षेत्र में केमिकल फर्टिलाइजर्स को छोड़, ऑर्गेनिक वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन कर, उसे काम में लाकर जैविक खेती करने वाले हम प्रथम थे। हमें प्रसन्नता है कि आज हमारे आसपास के क्षेत्र में वर्मी कंपोस्ट का अधिकाधिक प्रयोग होता है और उसके सकारात्मक परिणामों की ओर किसानों की जागरूकता बढ़ी है।

इनोवेटिव थिंकिंग
लीक से हटकर सोचने और निरंतर नए प्रयोग करने की स्वतंत्रता के चलते हम अपने सीमित क्षेत्रफल की कृषि योग्य भूमि में, श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करते आए हैं। डेयरी का संचालन , दुग्ध एवं दूध से बने पदार्थों का उत्पादन व फल ,सब्जियों और पशुओं के लिए चारे का प्रबंध, सभी एक लंबे सतत प्रयोगों के कारण संभव है। इसमें सबसे अधिक कारगर साबित हुई है हमारी प्लानिंग। एक निश्चित प्लानिंग बनाकर हम उसका अनुसरण करते हैं ताकि आप तक सर्वश्रेष्ठ पहुंचा सके और वह भी निर्धारित समय सीमा में।

युवाओं का रुझान
आज 100% आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ग्रामीण युवाओं की है। पढ़ा-लिखा युवा वर्ग वैज्ञानिक तरीके से जैविक खेती को अपनाएं ,इसकी और प्रोत्साहित करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं ।समय-समय पर हम संगोष्ठियां आयोजित करते हैं। विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के टूर आयोजित करते हैं, ताकि एक व्यवसाय के तौर पर कृषि और डेयरी को युवा अधिकाधिक संख्या में अपनाएं।

जैविक खेती
क्योंकि जैविक खेती ही वह एकमात्र मार्ग है जिससे हम पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों की रक्षा करने में समर्थ हो पाएंगे। कई दशकों से खेती में प्रयुक्त होने वाले पेस्टिसाइड एवं हानिकारक केमिकल का प्रयोग मानव के स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक घातक सिद्ध हुआ है। आज भी समय है कि हम अपने पर्यावरण और पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं। शबरी फॉर्म पर हम वर्मी कंपोस्ट के प्रयोग कर किस प्रकार उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं, इसकी संपूर्ण जानकारी देते हैं। उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाला वर्मी कंपोस्ट बना कर एवं अन्य किसानों के लिए उपलब्ध करवाकर हम इसके प्रयोग को बढ़ावा देने का पूर्ण प्रयास करते हैं।

स्वावलंबी फार्म
किसी भी फार्मिंग व्यवसाय की सफलता उसके स्वाबलंबी होने से ही संभव है। पशुओं के लिए चारे का उत्पादन हो या सब्जी व फलों का बगीचा, हमें हमारे पशुओं (देशी गाय) से प्राप्त गोबर से बना वर्मी कंपोस्ट हमारे फार्म पर ही उत्पादन करने से सुलभ रहता है। डेयरी और कृषि  प्राचीन काल से एक दूसरे के पूरक व्यवसाय का कार्य करते हैं ।सीमित जल संसाधन की एक-एक बूंद को हम व्यर्थ होने से बचाते हैं और उसका सही उपयोग करते हैं। हमारे फार्म पर काम आने वाली प्रत्येक वस्तु हम स्वयं बनाने का या स्थानीय क्षेत्र से लेने का प्रयास करते हैं ताकि हम एक कम्युनिटी बना सकें जिसमे सभी एक दूसरे की सहायता कर सकें।

शुद्धता
यही कारण है कि हम हमारे उत्पादों की शुद्धता व गुणवत्ता को बरकरार रख पाने में सफल है। हमारे डेयरी के अधिकांश उत्पाद बिना मानव हाथ के स्पर्श के आपके पास पहुंचते हैं। डेयरी में व फल सब्जियों की पैकिंग में हमारे यहां स्वच्छता में शुद्धता का पूर्ण रुप से ध्यान रखा जाता है।

ड्रिप इरिगेशन
सवाईमाधोपुर व उसके आसपास के कृषि भूमि क्षेत्र में जलस्त्रोतों में जलस्तर प्रतिवर्ष होने वाली वर्षा पर निर्भर है। अधिकांशत कृषि योग्य जल की कमी रहती है। इसी कारण हमने अपने फॉर्म में ड्रिप इरिगेशन के द्वारा सिंचाई को प्राथमिकता दी है, ताकि पानी का व्यर्थ बहाव रोका जा सके और बूंद बूंद भी काम आए।

हाइड्रोफोनिक चारा
हाइड्रोफोनिक चारा ना केवल पशुओं के लिए उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला पौष्टिकआहार है, बल्कि इसे बहुत कम पानी और कम से कम स्थान में भी पैदा किया जा सकता है। हायड्रोफोनिक चारे के प्रयोग से हम अपनी भूमि की टॉप सॉइल को बचाए रखने में भी सफल होते हैं। दुधारू पशुओं के लिए हाइड्रोफोनिक विधि से उगाया हुआ अनाज अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक साबित हुआ है। दुधारू पशुओं के आहार में इसे एक निश्चित मात्रा में मिलाने पर दूध की पौष्टिकता में बहुत बढ़ोतरी होती है।

स्वच्छता
दुग्ध उत्पादन में पशुओं के इर्द-गिर्द के वातावरण व दूध एवं दुग्ध उत्पादों को संक्रमण से बचाए रखने के लिए, पूरे डेयरी क्षेत्र में स्वास्थ्य की दृष्टि से पूर्ण स्वच्छता के मानकों का पालन अति आवश्यक है। और यही हमारी पहली प्राथमिकता है। हमारा प्रयास यही है कि आप तक बिना मानव स्पर्श के, कम से कम समय में उत्पाद पहुंच सके।

किसान प्रशिक्षण
परंपरागत रूप से चली आ रही खेती को, उच्च तकनीक से की जाने वाली खेती में बदलने के लिए भी खेती का मूलभूत ज्ञान ही काम आता है, जो पीढ़ियों से किसान परिवारों के पास है। केवल उन्हें नई उन्नत किस्मों की फसल के बीज व प्राकृतिक जैविक खाद आदि के प्रयोग की जानकारी चाहिए होती है। अपनी जमीन एवं उपलब्ध पानी की जांच आदि के संबंध में जागरूक होने पर किसानों के सामने अनगिनत संभावनाएं खुल जाती हैं। हम समय-समय पर शबरी फॉर्म पर किसानों की संगोष्ठी आयोजित करते हैं, ताकि किसान भाई हमसे और हम उनसे कुछ सीख सकें। सभी को साथ लेकर चलना हमारा पहला उद्देश्य है।

कम से कम समय में पहुंच
दूध के साथ हरी पत्तेदार सब्जियों को एक निर्धारित समय अवधि में उपभोक्ता तक पहुंचाना हमारा प्रथम उद्देश्य रहता है, ताकि स्वास्थ्य की दृष्टि से उनकी गुणवत्ता बनी रहे और उपभोक्ता को ताजा उत्पाद प्राप्त हो सके। हमारा उद्देश्य 4 से 6 घंटे के भीतर उपभोक्ता के घर तक उत्पाद पहुंचाना है, और हमारे इस प्रयास में हम सफल रहे हैं।

प्री आर्डर/ होम डिलीवरी
दूध से बने हुए उत्पादों जैसे मावा एवं पनीर का हम बड़ी मात्रा में प्रीऑर्डर पर उत्पादन करने में सक्षम है। इन उत्पादों की होम डिलीवरी की सुविधा हमारे पास उपलब्ध है।